समकालीन क्षणिका खण्ड-01 अप्रैल 2016
जी की क्षणिकाएँ।
कुँवर प्रेमिल
01. सुबह सलौनी
अँधेरे कक्ष खोलकर
स्वर्णिम ऊषा ने
सोना बिखेरा है
कली-कली भँवर
फूल-फूल तितली है
हाथ में लेकर पिचकारी
रंगीन सुबह
घूमने निकली है।
02. कमजोर
चीटी ने चिड़िया को
छायाचित्र : उमेश महादोषी |
चिड़िया ने चुहिया को डाँटा
दरअसल
कमजोर किसी को
मार नहीं सकते हैं- चाँटा!
03. मंत्रणा
आओ हम और तुम
मिलकर एक गुप्त मंत्रणा करें
और इसके पहले
दीवारों के कान
रुई के फाहों से भरें!
- एम.आई.जी.-8, विजयनगर, जबलपुर-482002, म.प्र./मोबाइल : 09301822782
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