Sunday, December 17, 2023

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                     ब्लॉग अंक-03/311                  दिसम्बर  2023 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 17.12.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!  


कंचन अपराजिता



01.


कागज के फूलों से,

कब खुश्बू आई है।

तेरे रिश्ते से

जाने क्यों,

फिर 

उम्मीद लिए बैठी हूँ...


02.


जीवन संघर्ष का

क्या कहूँ

आजकल

हर साँस ही ग़म देती है।


03. 

रेखाचित्र : कमलेश चौरसिया 

मुझसे लिपटकर वो

देर तक रोया था।

अपना वजूद उसने

मेरे आगोश में खोया था।


  • 39/1ए सिन्दूर ग्रीन पार्क, जयचन्द्रन नगर, पालीकरनाय, चेन्नई-600100, त.नाडु

(39/1, Sindur green park, Jayachandran Nagar, Pallikarnai, Chennai-600100, T. Nadu)


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