Sunday, January 15, 2023

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                          ब्लॉग अंक-03 /263                     जनवरी 2023 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार 15.01.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 


कविता भट्ट ‘शैलपुत्री’ 




01. जीवन


मिलन के आनन्द से

प्रारम्भ हुआ जीवन

माता के गर्भ में

पूरा जीवन कुछ नहीं

कभी न मिलने वाले

आनन्द की खोज के सिवाय।


02. मृगतृष्णा


प्रिय-वियोग के पतझर में-

जीवन-वृक्ष से निरंतर

पत्तों-सी झरती रही

आशा और प्रतीक्षा

प्रेम-वसंत की मृगतृष्णा में।

रेखाचित्र : सिद्धेश्वर 

03. तुम्हारा स्पर्श


विरह के बाद

इतना ही सुखद है

तुम्हारा स्पर्श!

जैसे- कैदी जेल से छूटकर

वर्षों बाद अपने घर से मिला हो

या फिर कोई रोगी

लम्बी बीमारी के बाद

स्वस्थ होकर घर लौटा हो।

  • II S-3, B.T. HOSTEL, UNIVERSITY CAMPUS, MADHI CHAURAS, P.O. KILKILESHWAR, TEHRI,Garhwal- 249161 Uttarakhand

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