Sunday, December 18, 2022

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                          ब्लॉग अंक-03 /259                     दिसम्बर 2022 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 18.12.2022
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!  


अंजू दुआ जैमिनी





01. तुम्हारे लिए 


लाल पीला नीला हरा 

रंग भरकर हथेली में 

लाए हैं तुम्हारे लिए, 

ये सौदा है 

जन्मों का 

जो साथ चलेगा हमारे 

बैंजनी होने पर 

जन्म-जन्मांतर तक। 


02. बीज 


स्त्री के साथ  

सम्बन्ध को 

पुरुष शिद्दत से 

सींच नहीं पाता

तब स्त्री के भीतर 

फूटता बीज 

और पेड़ नीम 

अनचाहे उग आता


03. नश्तर 


चुभो देती है 

नश्तर 

छीन लेती है 

सुकून 

मेरे भीतर 

मछलियाँ हैं हाँफती 

रेत पर तड़पती,

रेखाचित्र : कमलेश चौरसिया 


कर देती है 

जुदा 

मुझे मुझसे 

चुप्पी तुम्हारी 

  • 839, संक्टर-21, पार्ट-2, फरीदाबाद-121001, हरियाणा/मो. 09810236253 

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