Sunday, July 24, 2022

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

 समकालीन क्षणिका                          ब्लॉग अंक-03 /238                           जुलाई 2022 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 24.07.2022
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!



उमेश महादोषी






01.


रणक्षेत्र में

यदि खड़े हों 

आपके सामने

भयावह

अट्ठहास करते...

आपकी अँगुलियों में

जरूरी हो जाते हैं

कुछ लम्बे-तीखे नाखून


समझ रहे हैं न आप!


02.


युद्ध 

रेखाचित्र : कमलेश चौरसिया 
अब युद्ध की तरह ही

लड़ा जायेगा

मानसिक द्वंद्व पैदा करके

तालियाँ पीटने का 

तुम्हारा हथियार

काम नहीं आयेगा।


  • 121, इंदिरापुरम, निकट बीडीए कॉलोनी, बदायूं रोड, बरेली-243001/मो. 09458929004 

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