Sunday, July 3, 2022

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                          ब्लॉग अंक-03 /235                           जुलाई 2022 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 03.07.2022
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 



शिव डोयले




01. दृश्य 


पहाड़ बना कवि 

अपनी कविता में 

कुछ इस तरह 

कह गया 

रात नहाती रही 

नदिया किनारे 

चाँद ने देखा 

ईर्ष्यावश 

आधा रह गया। 


02. साथ में 

चित्र : प्रीति अग्रवाल 


अकेला नहीं हूँ मैं 

मेरे साथ हैं 

गरीबी, बीमारी, 

बच्चों की पढ़ाई 

पत्नी की पीड़ा 

और साहूकार की 

उधारी! 

  • 19, झूलेलाल कॉलोनी, हरीपुरा, विदिशा-464001, म.प्र./मो. 09685444352

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