Sunday, May 8, 2022

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                          ब्लॉग अंक-03 /227                           मई 2022 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 08.05.2022
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!



शैलेष गुप्त ‘वीर’




01.


सच ने

झूठ की पैरवी की,

न्याय ने

आँखें मूँद लीं!


02.


सच ने

झूठ को

गले लगाया,

ईमान शरमाया!


रेखाचित्र : कमलेश चौरसिया 
03.


झूठ ने

कीर्तिमान गढ़े,

जब सच ने

झूठ के

क़सीदे पढ़े!

  • 24/18, राधा नगर, फतेहपुर-212601, उ.प्र./मो. 09839942005

No comments:

Post a Comment