समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03 /180 जून 2021
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01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 13.06.2021
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 13.06.2021
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
केशव शरण
01. आज की बारिश
आज की बारिश ने
याद दिला दी
बहुत पहले की बारिश
और बीच का सूखा
भुलवा दिया।
02. अलाव-1
ठिठुरापन जा रहा है
या नहीं
सवाल इसका नहीं
कुल बात यह है कि
हमें एक अलाव की सुविधा
रेखाचित्र : रीना मौर्या मुस्कान |
3. अलाव-2
न सरकार के अलाव में
न सेठ के अलाव में
न संस्था के अलाव में
जी हाँ, कोई फर्क नहीं है
जनता के कंपकंपाव में।
- एस 2/564 सिकरौल वाराणसी-221002/मो. 09415295137
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