समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03 /181 जून 2021
क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-
01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 20.06.2021
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 20.06.2021
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
चक्रधर शुक्ल
01. प्रकृति के साथ
वृक्ष के समक्ष
जब-जब हम बैठे
पत्तियों ने नृत्य किया
कली मुस्कराई
फूल ने सुगन्ध बिखेरी
पवन ने कविता सुनाई।
02. ग्रोथ
लड़की का
इतनी जल्दी
बड़ा हो जाना
पिता को डरा गया
छायाचित्र : उमेश महादोषी |
वसंत क्यों आ गया?
03. व्यस्तता
पौधों को
पानी देने में
समय का पता ही नहीं चला
कुविचार भी नहीं आये
आओ चलें, पौधे लगाएँ!
- एल.आई.जी.-1, सिंगल स्टोरी, बर्रा-6, कानपुर-208027(उ.प्र)/ मोबाइल: 09455511337
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