Sunday, March 14, 2021

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                      ब्लॉग अंक-03 /167                       मार्च 2021

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 14.03.2021
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!  


रजनी साहू




01. 


विपत्ति वो छन्नी है

जो पराया और अपना 

निथार देती है

अपनों का प्यार और

पराये का बहिष्कार कर देती है

ये चवन्नी, अट्ठन्नी की छन्नी


रेखाचित्र : रीना मौर्या मुस्कान 
02.


फिर वही तलाश

एक खत्म होने पर

दूजे की आस

जीवन है हताश

  • बी-501,कल्पवृक्ष सीएचएस, खण्ड कॉलौनी, सेक्टर 9, कॉर्पाेरेद्वान बैंक के पीछे, प्लाट नं. 4, न्यू पानवेल (पश्चिम)-410206, नवी मुंबई, महाराष्ट्र/मो. 09892096034

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