समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03 /128 जून 2020
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रविवार : 14.06.2020
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
सीमा स्मृति
01.
अनवरत
अंधकार और रोशनी में जंग
धरा हो या मन।
रेखाचित्र : संध्या तिवारी |
कभी फाहा
कभी पहाड़ बन
ख़ामोशी...
रिश्तों के अर्थ बदल देती है।
03.
बात वर्षाे की नहीं
...वक़्त की है।
- जी-11, विवेक अपार्टमेंट, श्रेष्ठ विहार, दिल्ली -110092/मो. 09818232000
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