समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03 / 06 जनवरी 2018
रविवार : 07.01.2018
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
बालकृष्ण गुप्ता ‘गुरु’
01. पेट
रोटी के पीछे भागता मजदूर
हारेगा ज़रूर
दूर
ढोल बज रहा।
02. क़र्ज
साहूकार ने बो दिए नोट
किसान के पेट में
खेत ने मुँह मोड़ लिये
तिजोरी की तरफ़।
03. विरोधाभास
शहर
जाते जंगल
जंगल मरता
जंगल
पिकनिक मनाने
आते शहर
शहर साँस लेता।
04. ताक़त
कुर्सी के चारों पैरों के बीच
बैठा बब्बर शेर
कहना मानने मजबूर।
- डॉ. बख्शी मार्ग, खैरागढ़-491881, जिला राजनांदगांव, छ.गढ़/मो.09424111454
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