Sunday, August 6, 2023

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                      ब्लॉग अंक-03/292                     अगस्त 2023 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 06.08.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 



प्रगति गुप्ता




  

01.

तुम और तुम्हारी 

यादों से-

जाने कैसा है 

रिश्ता मेरा-

तुम हो नहीं पास मेरे 

फिर भी रहता है कहीं- 

बहुत पास होने का 

एहसास तेरा... 


02.

वक्त गुज़रता है 

सुख-दु:ख आते जाते हैं 

सिर्फ- 

उनसे जुड़े एहसास 

ठहरते हैं- 

जो अक्सर बहुत कमी 

तो कभी- 

बहुत कुछ दे जाते हैं... 


रेखाचित्र : बी मोहन नेगी (स्व.)
03.

इश्क की महक 

एक बार 

जो महसूस कर ले 

वो भला ता-उम्र 

कैसे ना महका-महका घूमे...

  • 58, सरदार क्लब स्कीम, जोधपुर-342001, राज./मो. 07425834878

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