Sunday, February 5, 2023

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                          ब्लॉग अंक-03 /266                     फरवरी 2023 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 05.02.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!  


अनीता ललित




01.

काश! लौट आए वो बचपन सुहाना...

बिन बात हँसना...

खिलखिलाना...

हर चोट पे जी भर के रोना...


02. 

ढलते सूरज से...

था वादा मिलने का...,

जाते-जाते वो मुझे...

तोहफ़े में ‘चाँद’ दे गया...

चित्र : प्रीती अग्रवाल 


03.

ज़हन में उलझन,

माथे पे सिलवटें...

किस ख्वाब में सोए थे...

किस हकीकत से जागे हैं...?

  • 1/16, विवेक खंड, गोमतीनगर, लखनऊ-226010, उ.प्र.

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