Sunday, October 30, 2016

प्रथम खण्ड के क्षणिकाकार-19

 समकालीन क्षणिका             खण्ड-01                  अप्रैल 2016


रविवार  :  30.10.2016

क्षणिका की लघु पत्रिका ‘समकालीन क्षणिका’ के खण्ड अप्रैल 2016 में प्रकाशित श्री चक्रधर शुक्ल जी की क्षणिकाएँ।



चक्रधर शुक्ल



01. मौसम
मौसम ने
करवट ली
फूल खिले
मौसम ने 
तेवर दिखलाए
बबूल गिरे।

02. सृजन
इन्तजार करते-करते
जब बहुत दिनों के बाद
गुलाब की कलम से
अंकुर फूटा
मन प्रसन्नता से भर गया
सृजन अनूठा!

03. कही-अनकही
बरसात में नदियां
उफान में रहीं
ताल-तलैयों ने
उनके विषय में
जाने कितनी बातें कहीं!

04. दोस्ती
बच्चों की मस्ती देखकर
छाया चित्र :
रामेश्वर काम्बोज हिमांशु 
जाड़ा भी
उछलकूद करने लगा
बच्चों से
दोस्ती करने लगा!

05. जीवन सार
नीलगगन में उड़कर
वो
अपना विस्तार देखता रहा
परिंदा होकर
जीवन सार देखता रहा!

  • एल.आई.जी.-1, सिंगल स्टोरी, बर्रा-6, कानपुर-208027(उ.प्र.)/मोबा. 09455511337

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