Sunday, March 31, 2019

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका            ब्लॉग अंक-03 / 65               मार्च 2019


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01. समकालीन क्षणिका विमर्श क्षणिका विमर्श }
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रविवार : 31.03.2019

        ‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
       सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!



माधव नागदा



01. अकाल

घन काले
घने
आसमान में बने
और पिघले
उम्मीदें बांझ हुई
ये बादल
अकाल के
बेली निकले

02. सृजन
रेखाचित्र : अनुभूति गुप्ता 

कुछ सूझता ही नहीं
जब
बलपूर्वक बांधता हूँ मन
छोड़ता हूँ उन्मुक्त
तो उड़ान ही उड़ान
सृजन ही सृजन

  • ग्राम व पोस्ट: लालमादड़ी (नाथद्वारा)-313301 (राजस्थान)/मो. 09829588494

Sunday, March 24, 2019

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका            ब्लॉग अंक-03 / 64               मार्च 2019


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रविवार : 24.03.2019

        ‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
       सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!


वीणा शर्मा वशिष्ठ





01. शहर

तन-मन
शहर बन गया
अंदर से छलनी
रूंघता ,रोआं -रोआं
बाहर,मेकअप आडम्बरों का
अंत मे
धुल गया।।

02. पीले हाथ

हो गए पीले हाथ
बिटिया पराई हो गई
काश!
पीले हाथों की रस्म न होती
बेटी मेरे घर ही
सरसों का फूल होती।।

  • 597, सेक्टर-8, पंचकूला-134109, हरियाणा/मो. 079862 49984

Sunday, March 17, 2019

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका            ब्लॉग अंक-03 / 63               मार्च 2019


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रविवार : 17.03.2019

        ‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
       सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 




उमेश महादोषी 








01.

साँप की पीठ पर सवार
छिपकली हँसती है
साँप गाता है-
प्रेम-गीत

बहुत खुश है आज
जंगल!

02.

मैं तुम्हारा शरीर हूँ
और तुम मेरी आत्मा
ऐसी कोई बात नहीं है
बात केवल इतनी है-
हम दोनों
रेखाचित्र : अनुभूति गुप्ता 
एक शिला पर बैठे हैं
थोड़ी देर में 
उठकर चले जायेंगे।

03.
तुम न मिले
तो यह हुआ
हम/सर्द होते 
जम गये
और जब 
सूरज चमका
गल गये

  • 121, इन्द्रापुरम, निकट बी.डी.ए. कॉलोनी, बदायूँ रोड, बरेली-243001, उ.प्र./मो. 09458929004

Sunday, March 10, 2019

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका            ब्लॉग अंक-03 / 62               मार्च 2019


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रविवार : 10.03.2019

        ‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
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ज्योत्स्ना प्रदीप 




01.

कमसिन शृंगारदान  
मौन है 
तिरंगे में लिपटा 
ये कौन है? 

02.

धरती ने 
धारी है धीर 
क्योंकि 
विलय नहीं होते 
कुछ नायाब शरीर !!

03.

ये कैसी 
रेखाचित्र : अनुभूति गुप्ता 
फूलों की घाटी है 
जो 
लहू  से  पाटी है !

04.

सफ़ेद कफ़न लिए 
बैठी थी
इक पहाड़ी 
जो पहनती थी 
अब तक 
हरी साड़ी !!

  • मकान-32, गली नं. 09, न्यू गुरुनानक नगर, गुलाब देवी हॉस्पिटल रोड, जालंधर-144013, पंजाब

Sunday, March 3, 2019

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका            ब्लॉग अंक-03 / 61               मार्च 2019


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रविवार : 03.03.2019

        ‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
       सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!



वीणा शर्मा वशिष्ठ




01. गरीब के गाल

गरीब के गाल
ताकते... मुस्कान,
जीवन की अट्टालिकाओं में।
काश!
आज,
संजीवनी से
साक्षात्कार हो।

02. देश प्रेम

देश प्रेम!
छायाचित्र : उमेश महादोषी

याद नहीं 
क्या मिला था... कभी
फंदों पर झूलकर।
वो फंदे,
आज,
ठहाका लगा रहे है।

  • 597, सेक्टर-8, पंचकूला-134109, हरियाणा/मो. 079862 49984