Sunday, July 30, 2023

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                      ब्लॉग अंक-03/291                     जुलाई 2023 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 30.07.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!   



मिथिलेश राकेश





01. नई आवाज़ बनके


करवटें

कब तलक लेगी

उठ जा

तू अब भोर समझके

झींगुरों की आवाज़ का

संगीत सुन

थिरक ले

बस तिमिर को पार करके

एक नई आवाज़ बनके।


02. अभी बाक़ी है


जज़्बातों में

दर्द का होना

लाज़िमी है

और...

चित्र : प्रीति अग्रवाल 

दर्द में 

इंतज़ार रहता है

क्योंकि

उम्मीद 

अभी बाक़ी है।


  • मो.: 09870808920/ईमेल : mrakesh.kvbly@gmail.com

Sunday, July 23, 2023

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                        ब्लॉग अंक-03/289                     जुलाई 2023 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 23.07.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!  


वी. एन. सिंह




01. पानी


काश समाज में पानी होता

पानी में आक्सीजन

मछलियाँ जीवित रहतीं

और हम भी।

रेखाचित्र : डॉ. सुरेंद्र वर्मा 

02. हादसा का बर्फ हो जाना


मैंने कब कहा

बर्फ सा आदमी का हो जाना

एक हादसा है

हादसे का बर्फ हो जाना

हादसा है।

  • 111/98-फ्लैट 22, अशोक नगर, कानपुर-208012, उ.प्र./मोबा. 09935308449

Sunday, July 16, 2023

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                        ब्लॉग अंक-03/289                    जुलाई 2023 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 16.07.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 



ज्योत्स्ना शर्मा





01.


लिए बैठे हैं

प्यासे और बेचैन

रेत के समन्दर

कैसे तैरेगी

प्रेम की नाव वहाँ

रस ही नहीं जहाँ।

चित्र : प्रीति अग्रवाल 


02.


मचा पड़ा है

इस बात पर विवाद

कि, हमारा है सच्चा

और तुम्हारा है...

फर्जी राष्ट्रवाद।

  • एच-604, प्रमुख हिल्स, छरवाडा रोड, वापी, जिला-वलसाड-396191, गुजरात/मो. 09824321053

Sunday, July 9, 2023

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                        ब्लॉग अंक-03/288                    जुलाई 2023 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 09.07.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!  


रमेश कुमार भद्रावले



01. प्राण-वायु


न खुद

नयी हवा से

वो लहरा रहा है

तिरंगा तो सिर्फ

शहीदों की साँसों से

हिलोरें ले रहा है!


02. संग्राम

छायाचित्र : उमेश महादोषी  


जंग में हमेशा

लोहे के हथियार ही 

काम आते हैं

इसीलिए

सोने के नहीं

लोहे के हथियार ही

जंग खाते हैं।

  • गणेश चौक, हरदा, म.प्र./मो. 09926482831

Sunday, July 2, 2023

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                          ब्लॉग अंक-03/287                     जुलाई 2023 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 02.07.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!  


कविता भट्ट ‘शैलपुत्री’



 


01. प्रणय-निवेदन


जिस उम्मीद से

किसान देखता है

आकाश की ओर

उसी उम्मीद-सा है, प्रिय!

तुम्हारा प्रणय-निवेदन।


छायाचित्र : उमेश महादोषी 
02. अथाह प्रेम



उसने कहा-

मुझे तुमसे अथाह प्रेम है

मैंने कहा-

तुम्हें यह प्रेम मुझसे है

या स्वयं से!


  • II S-3, B.T. HOSTEL, UNIVERSITY CAMPUS, MADHI CHAURAS, P.O. KILKILESHWAR, TEHRI,Garhwal- 249161 Uttarakhand