Sunday, June 27, 2021

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

  समकालीन क्षणिका                      ब्लॉग अंक-03 /182                        जून 2021

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 27.06.2021
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 


कंचन अपराजिता



पलायन : कुछ और क्षणिकाएँ

01.

दर्द का सिलसिला 

आसों के टूटने का न था।

इस इंतजार मे

कुछ साँसे ही छूट गयीं।


02.

शहर एक मृगतृष्णा है

सारी जिंन्दगी 

बस भाग-दौड़कर

आज मजबूर हुए

तो पाया

बगैर जड़ का था शजर

छोड़कर नगर

चित्र : प्रीति अग्रवाल 

चलो, लौट चले घर।.


003.

कुछ जख्म 

नासूर से हो गये।

हकीकत के कैक्टस 

सपनों  में भी उम्र भर

चुभते रहेंगें।

  • 39/1ए सिन्दूर ग्रीन पार्क, जयचन्द्रन नगर, पालीकरनाय, चेन्नई-600100, त.नाडु

(39/1, Sindur green park, Jayachandran Nagar, Pallikarnai, Chennai-600100)

Sunday, June 20, 2021

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

 समकालीन क्षणिका                      ब्लॉग अंक-03 /181                         जून 2021

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रविवार  : 20.06.2021
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 


चक्रधर शुक्ल



01. प्रकृति के साथ


वृक्ष के समक्ष

जब-जब हम बैठे

पत्तियों ने नृत्य किया

कली मुस्कराई

फूल ने सुगन्ध बिखेरी

पवन ने कविता सुनाई।


02. ग्रोथ


लड़की का

इतनी जल्दी 

बड़ा हो जाना

पिता को डरा गया

छायाचित्र : उमेश महादोषी 
इतनी जल्दी 

वसंत क्यों आ गया?


03. व्यस्तता

पौधों को 

पानी देने में

समय का पता ही नहीं चला

कुविचार भी नहीं आये

आओ चलें, पौधे लगाएँ!

  • एल.आई.जी.-1, सिंगल स्टोरी, बर्रा-6, कानपुर-208027(उ.प्र)/ मोबाइल: 09455511337

Sunday, June 13, 2021

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

 समकालीन क्षणिका                      ब्लॉग अंक-03 /180                     जून 2021

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रविवार  : 13.06.2021
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

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केशव शरण



01. आज की बारिश

आज की बारिश ने

याद दिला दी

बहुत पहले की बारिश

और बीच का सूखा

भुलवा दिया।


02. अलाव-1


ठिठुरापन जा रहा है

या नहीं

सवाल इसका नहीं

कुल बात यह है कि

हमें एक अलाव की सुविधा

रेखाचित्र : रीना मौर्या  मुस्कान 
उपलब्ध करा दी गयी है।


3. अलाव-2


न सरकार के अलाव में

न सेठ के अलाव में

न संस्था के अलाव में

जी हाँ, कोई फर्क नहीं है

जनता के कंपकंपाव में।

  • एस 2/564 सिकरौल वाराणसी-221002/मो. 09415295137

Sunday, June 6, 2021

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

 समकालीन क्षणिका                      ब्लॉग अंक-03 /179                     जून 2021

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02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 06.06.2021
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

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शील कौशिक




01. खालीपन


आँखों में बस जाने के बाद

तेरी आँखों का अजनबीपन खलता है

मेरी तरह क्या

तेरे अंदर भी कुछ गलता है


02. प्रेम में


मैंने जब भी प्रेम लिखा

सुनहरी ख्वाबों का नूर बरसा

खुद की नजरों में

रेखाचित्र : मॉर्टिन जॉन 
खुद को हूर समझा


03. आईना


कमाल की खोज है आईना

आदमी की प्रकृति की तरह

जब चाहे जब तब

कितनी ही देर तक

अपने सामने से हटने ही नहीं देता

  • मेजर हाउस नं. 17, हुडा सेक्टर-20, पार्ट-1, सिरसा-125055, हरि./मो. 09416847107