Sunday, March 28, 2021

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                      ब्लॉग अंक-03 /169                      मार्च 2021

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01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 28.03.2021
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!  


सुनीता काम्बोज




01.

रोज राजनीतिक वादों

किताब पढ़ता हूँ

बेरोजगारी से लड़ता हूँ

नींद की गद्दारी के कारण

अब सपने भी नहीं आते

कोई हुक्मरानों को 

खबर कर कर दो

वो हमें

नींद की एक गोली

क्यों, नहीं दे जाते?


02.


अधूरी प्रेम कथाएँ

बाँचता जमाना

इसलिए छोड़ चले हम

अधूरी अपनी प्रेमकहानी।


03.


डाली प्रेम करती है

फूलों से पत्तियों से

रेखाचित्र : डॉ. संध्या तिवारी 
पर उन्हें गिरने से

नहीं सकती रोक

तुम्हें कैसे रोकूँ

गिरने से?

  • मकान नंबर-120, टाइप-3, जिला संगरूर, पंजाब

Sunday, March 21, 2021

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                      ब्लॉग अंक-03 /168                      मार्च  2021

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रविवार  : 21.03.2021
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 


भावना कुँअर




01. पहरे


मेरी आँखों पर

इतने पहरे

पहले तो न थे

देख सकती थी मैं भी

खूबसूरत ख़्वाब

पर अचानक क्या हुआ...

जो निकाल ली गई

इनकी रोशनी

और अब तो ये

रो भी नहीं सकती।


02. स्याह धब्बे


आँखों के नीचे

दो काले स्याह धब्बे 

आकर ठहर गये

चित्र : प्रीति अग्रवाल  
और नाम ही नहीं लेते

जाने का

न जाने क्यों 

उनको

पसंद आया 

ये अकेलापन। 

  • सिडनी, आस्ट्रेलिया
  • भारत में : द्वारा श्री सी.बी.शर्मा, आदर्श कॉलोनी, एस.डी.डिग्री कॉलिज के सामने, मुज़फ़्फ़रनगर (उ.प्र.) 
  • ईमेल :  bhawnak2002@gmail.com

Sunday, March 14, 2021

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                      ब्लॉग अंक-03 /167                       मार्च 2021

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रविवार  : 14.03.2021
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

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रजनी साहू




01. 


विपत्ति वो छन्नी है

जो पराया और अपना 

निथार देती है

अपनों का प्यार और

पराये का बहिष्कार कर देती है

ये चवन्नी, अट्ठन्नी की छन्नी


रेखाचित्र : रीना मौर्या मुस्कान 
02.


फिर वही तलाश

एक खत्म होने पर

दूजे की आस

जीवन है हताश

  • बी-501,कल्पवृक्ष सीएचएस, खण्ड कॉलौनी, सेक्टर 9, कॉर्पाेरेद्वान बैंक के पीछे, प्लाट नं. 4, न्यू पानवेल (पश्चिम)-410206, नवी मुंबई, महाराष्ट्र/मो. 09892096034

Sunday, March 7, 2021

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                      ब्लॉग अंक-03 /166                      मार्च 2021

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रविवार  : 07.03.2021
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

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(स्व.) अमन चाँदपुरी 




01. मोह-माया

नदी का पानी बहता रहता है

सारी मोह-माया त्यागकर

लेकिन,

बहने का मोह 

कभी त्याग नहीं पाया।

02. साहित्य

कुछ साहित्य

समय-शिला पर ही

छोड़ देते हैं अपनी छाप

कुछ

भविष्य-भविष्य चिल्लाते हैं

अमर होने के लिए

फिर भी

मौन रह जाते हैं।

03. मृत्यु

आज नहीं

कल नहीं

परसों भी नहीं

तुम मुझसे मिलने

आना ही नहीं।

04. तलाश

ख़ुद की तलाश में

रेखाचित्र : मॉर्टिन जॉन 

नोंच डाला मैंने

अपना ही बदन।

05. आज़ाद

रूह ने सुना दी

जिश्म को सज़ा-ए-मौत

और खुद हो गई आज़ाद।

  • परिवार का पता: ग्राम व पोस्ट- चाँदपुर प टांडा, जिला- अम्बेडकर नगर-224230, उ.प्र./मो. 09721869421