समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03 /166 मार्च 2021
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01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 07.03.2021
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 07.03.2021
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
(स्व.) अमन चाँदपुरी
01. मोह-माया
नदी का पानी बहता रहता है
सारी मोह-माया त्यागकर
लेकिन,
बहने का मोह
कभी त्याग नहीं पाया।
02. साहित्य
कुछ साहित्य
समय-शिला पर ही
छोड़ देते हैं अपनी छाप
कुछ
भविष्य-भविष्य चिल्लाते हैं
अमर होने के लिए
फिर भी
मौन रह जाते हैं।
03. मृत्यु
आज नहीं
कल नहीं
परसों भी नहीं
तुम मुझसे मिलने
आना ही नहीं।
04. तलाश
ख़ुद की तलाश में
![]() |
रेखाचित्र : मॉर्टिन जॉन |
नोंच डाला मैंने
अपना ही बदन।
05. आज़ाद
रूह ने सुना दी
जिश्म को सज़ा-ए-मौत
और खुद हो गई आज़ाद।
- परिवार का पता: ग्राम व पोस्ट- चाँदपुर प टांडा, जिला- अम्बेडकर नगर-224230, उ.प्र./मो. 09721869421
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