समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03/288 जुलाई 2023
क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-
01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 09.07.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 09.07.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
रमेश कुमार भद्रावले
01. प्राण-वायु
न खुद
नयी हवा से
वो लहरा रहा है
तिरंगा तो सिर्फ
शहीदों की साँसों से
हिलोरें ले रहा है!
02. संग्राम
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छायाचित्र : उमेश महादोषी |
जंग में हमेशा
लोहे के हथियार ही
काम आते हैं
इसीलिए
सोने के नहीं
लोहे के हथियार ही
जंग खाते हैं।
- गणेश चौक, हरदा, म.प्र./मो. 09926482831
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