Sunday, July 23, 2023

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                        ब्लॉग अंक-03/289                     जुलाई 2023 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 23.07.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!  


वी. एन. सिंह




01. पानी


काश समाज में पानी होता

पानी में आक्सीजन

मछलियाँ जीवित रहतीं

और हम भी।

रेखाचित्र : डॉ. सुरेंद्र वर्मा 

02. हादसा का बर्फ हो जाना


मैंने कब कहा

बर्फ सा आदमी का हो जाना

एक हादसा है

हादसे का बर्फ हो जाना

हादसा है।

  • 111/98-फ्लैट 22, अशोक नगर, कानपुर-208012, उ.प्र./मोबा. 09935308449

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