Sunday, July 16, 2023

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                        ब्लॉग अंक-03/289                    जुलाई 2023 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 16.07.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 



ज्योत्स्ना शर्मा





01.


लिए बैठे हैं

प्यासे और बेचैन

रेत के समन्दर

कैसे तैरेगी

प्रेम की नाव वहाँ

रस ही नहीं जहाँ।

चित्र : प्रीति अग्रवाल 


02.


मचा पड़ा है

इस बात पर विवाद

कि, हमारा है सच्चा

और तुम्हारा है...

फर्जी राष्ट्रवाद।

  • एच-604, प्रमुख हिल्स, छरवाडा रोड, वापी, जिला-वलसाड-396191, गुजरात/मो. 09824321053

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