Saturday, October 8, 2016

प्रथम खण्ड के क्षणिकाकार-14

 समकालीन क्षणिका             खण्ड-01                  अप्रैल 2016

रविवार  :  09.10.2016

क्षणिका की लघु पत्रिका ‘समकालीन क्षणिका’ के खण्ड अप्रैल 2016 में प्रकाशित रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ जी की क्षणिकाएँ।


रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’





01.
इमारतों का
रोज जंगल उग रहा
मेमने-सा आदमी
हलकान है
जाए कहाँ?

02.
आग में
गोता लगाती बस्तियाँ
इस सदी की
यह निशानी बहुत खूब!

03.
सागर में उतरा
हीरे या काँकर 
राग-द्वेष से परे,
रेखाचित्र :  बी. मोहन नेगी 
मैं बटोर लाया
क्या कुछ है ये
मैं न जानूँ
निकष पहचाने!

04.
उम्र भर चलते रहे
पड़ाव
मंजिल का भरम खड़ाकर
छलते रहे।
  • जी-902,जे एम अरोमा, सेक्टर-75, नोएडा-201301, उ.प्र./ मोबा. 09313727493

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