Saturday, September 24, 2016

प्रथम खण्ड के क्षणिकाकार-09

समकालीन क्षणिका             खण्ड-01                  अप्रैल 2016


रविवार  :  25.09.2016
क्षणिका की लघु पत्रिका ‘समकालीन क्षणिका’  के खण्ड अप्रैल 2016 में प्रकाशित शिव डोयले जी की क्षणिकाएँ। 

शिव डोयले  



01. माँ पढ़ी-लिखी नहीं है माँ पर चेहरा/पढ़ लेती है गाली देना तक नहीं आता लेकिन बेटे के/खातिर ज़माने से लड़ लेती है 02. सौंदर्य ब्याह की पहली रात को खिड़की से झाँका था चाँद ने तब तेरा जिक्र जरूर किया था मैंने 03. दिखावा
रेखाचित्र : शशिभूषण बड़ोनी 
जीते-जी तो नहीं चाहा माँ को बाद मर जाने के फूल-माला चढ़ा अगरबत्ती लगाने लगा है बेटा 04. प्यार में प्यार की राह में वे अपनी पहचान इस कदर छोड़ गये अपने-अपने नाम बदले मजहब तक बदल गये

  • झूलेलाल कॉलोनी, हरीपुरा, विदिशा-464001 (म.प्र.)/मो. 09685444352

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