Saturday, September 10, 2016

प्रथम खण्ड के क्षणिकाकार-05

समकालीन क्षणिका             खण्ड-01                  अप्रैल 2016


रविवार  :  10.09.2016 

क्षणिका की लघु पत्रिका ‘समकालीन क्षणिका’  के खण्ड अप्रैल 2016 में प्रकाशित हरि जोशी जी की क्षणिकाएँ। 

हरि जोशी




01. अधूरा औद्योगीकरण 
उस देश की उदास प्रजा में,
एक चेहरा अभी भी मुस्कुरा रहा था,
शायद औद्योगीकरण 
अभी भी अधूरा था!

02. सत्ता और सर्कस 
जब जोकर कुर्सी में धंसकर उठा,
कुर्सी उसके साथ 
बहुत देर तक चिपकी रही,
हमने अर्थ पा लिया,
छायाचित्र : उमेश महादोषी 
सत्ता और सर्कस में कोई फर्क नहीं है

03. पराया लहू पानी
हुजूर बांध लेते हैं प्रतिदिन मच्छरदानी,
एक बूँद लहू देने में भी आनाकानी,
चूसते हरदम गरीबों का लहू, 
मानते शायद उसे वे चाय पानी

  • 3/32, छत्रसाल नगर, फेस-2, जे.के. रोड, भोपाल-462022(म.प्र.)/मोबा. 09826426232

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