Saturday, September 10, 2016

प्रथम खण्ड के क्षणिकाकार-06

समकालीन क्षणिका             खण्ड-01                  अप्रैल 2016



रविवार  :  10.09.2016
क्षणिका की लघु पत्रिका ‘समकालीन क्षणिका’  के खण्ड अप्रैल 2016 में प्रकाशित बलराम अग्रवाल जी की क्षणिकाएँ।


बलराम अग्रवाल




01.
हर रोज बरतते हुए भी
तीन चीजें
कभी भी नहीं होतीं खत्म
अम्मा की
पूजावाली जगह से-
गंगाजल
धूप
और...दियासलाई!

02.
मैं उसे घृणा करता हूँ
और महसूसता हूँ
कि मैं/दरअसल
प्रेम करता हूँ उसे
रेखाचित्र : कमलेश चौरसिया 


03.
बिटिया ने 
ऊपर को
पत्थर जो उछाला
नीचे को बैठ गया
सूरज बेचारा
छिप गया
डरपोक खरगोश सा दिन

  • एम-70, उल्धनपुर, दिगम्बर जैन मन्दिर के पास, नवीन शाहदरा, दिल्ली/मोबा. 08826499115

No comments:

Post a Comment