Sunday, July 23, 2017

खण्ड-2 के क्षणिकाकार-17

समकालीन क्षणिका             खण्ड/अंक-02                   अप्रैल 2017



रविवार  :  23.07.2017

क्षणिका की लघु पत्रिका ‘समकालीन क्षणिका’ के अप्रैल 2017 में प्रकाशित खण्ड-2 में शामिल डॉ. मालिनी गौतम जी की क्षणिकाएँ।


मालिनी गौतम




प्रेम : कुछ क्षणिकाएँ

01.
रोटियों के साथ
सिकता रहा प्रेम
चूल्हे की आग में
फिर थाली में
परोस दिया गया
नमकीन अश्कों के साथ

02.
वह... मौन था
मैं... मौन थी
प्रेम
झूल रहा था
हमारे बीच
एक्सटेंशन वायर-सा

03.
प्रेम
मछली-सा
जो अनगिनत मछलियों के 
होने के बाद भी
दरिया को बनाना चाहती है 
सिर्फ... अपना...

रेखाचित्र : कमलेश चौरसिया 
04.
प्रेम 
दरिया-सा
जो हर मछली की याद में
पटकता है सर
चट्टानों पर...

05.
प्रेम में
कुछ सूखे हुए गुलाब
दो-चार कविताएँ
और थोड़े-से पत्र
डायरी में बन्द
उम्र भर करते हैं इंतज़ार
अपने पुनः जीवित होने का
  •  574, मंगल ज्योत सोसाइटी, संतरामपुर-389260, जिला महीसागर, गुजरात/मो. 09427078711

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