समकालीन क्षणिका खण्ड-01 अप्रैल 2016
क्षणिका की लघु पत्रिका ‘समकालीन क्षणिका’ के खण्ड अप्रैल 2016 में प्रकाशित सुश्री वन्दना सक्सेना जी की क्षणिकाएँ।
वन्दना सक्सेना
01. हिन्दी और अंग्रेजी
हिन्दी
अमन की आग में
जलने वाली चिंदी
और अंग्रेजी
एटम बम फूटने पर
छाने वाला धुआँ।
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रेखाचित्र : रजनी साहू |
मन अंधा गहरा कुआँ
इसमें अंधकार ही अंधकार
धुआँ ही धुआँ।
03. तन्हाई
हम तो चले जायेंगे
मिट जायेंगी हमारी परछाइयाँ
लेकिन हवाओं में गूँजेंगी
हमारी तन्हाइयाँ।
- एम.एफ.-1, सरस्वती नगर, भोपाल-462003, म.प्र.
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