समकालीन क्षणिका खण्ड-01 अप्रैल 2016
(अपरिहार्य कारणों से यह पोस्ट 06.11.2016 को प्रकाशित नहीं हो पाई थी।)
क्षणिका की लघु पत्रिका ‘समकालीन क्षणिका’ के खण्ड अप्रैल 2016 में प्रकाशित डॉ. चन्द्रा सायता जी की क्षणिकाएँ।
चन्द्रा सायता
01. चन्दन गंध
जीवन के
सघन वन में
एक देह का अंत
महकाती रहेगी किन्तु
स्मृतियों का आँगन
व्यक्तित्व की चंदन गंध।
02. बग़ावत
देखकर
दुनियाँ की
कुर्बानी ने सरेआम
बग़ावत कर दी।
03. रिश्ते
बिल्ली- मौसी
गधा- बाप
वंशज- बन्दर
तुम- मानव
बात उतरेगी
कैसे अन्दर!
- 19, श्रीनगर कॉलोनी (मेन), इन्दौर-452018 (म.प्र.)/मोबा. 09329637679
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