Saturday, November 19, 2016

प्रथम खण्ड के क्षणिकाकार-24

 समकालीन क्षणिका             खण्ड-01                  अप्रैल 2016



रविवार  :  20.11.2016
(अपरिहार्य कारणों से यह पोस्ट 13.11.2016 को प्रकाशित नहीं हो पाई थी।)


क्षणिका की लघु पत्रिका ‘समकालीन क्षणिका’ के खण्ड अप्रैल 2016 में प्रकाशित डॉ. डी. एम. मिश्र जी की क्षणिकाएँ।


डी. एम. मिश्र




01.
किसी ने पूछा
जीवन क्या है
पत्थर पर उगी 
दूब बोली 
मैं हूँ

02.
किसी ने पूछा
मृत्यु क्या है
पंछी ने कहा
बिना पिंजरा खोले
देखना
एक दिन
उड़ जाऊँगा

03.
किसी ने पूछा
मंजिल क्या है
थका मुसाफिर बोला
दिन भर एड़िया घिसकर
घर वापस आ गया
और सफ़र जारी है

04.
किसी ने पूछा
रेखाचित्र  : सिद्धेश्वर 

कविता क्या है
तृष्णा ने कहा
एक सुंदरी 
पानी का गिलास
ल्ेाकर आयी
और शीशे में/उतर गयी

05.
किसी ने पूछा 
झूठ क्या है
सत्य ने सर झुका लिया
कहा
बताने में/शर्म आती है
मेरा जुड़वाँ भाई है


  • 604, सिविल लाइन, निकट राणा प्रताप पी.जी. कालेज, सुलतानपुर-228001/मोबा. 09415074318

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