Sunday, November 27, 2016

प्रथम खण्ड के क्षणिकाकार-27

समकालीन क्षणिका             खण्ड-01                  अप्रैल 2016



रविवार  :  27.11.2016

क्षणिका की लघु पत्रिका ‘समकालीन क्षणिका’ के खण्ड अप्रैल 2016 में प्रकाशित श्री केदारनाथ ‘सविता’ जी की क्षणिकाएँ। 



केदारनाथ ‘सविता’






01. आत्मबोध
पेड़ से गिरता हुआ
जब कोई पत्ता देखता हूँ
सच!
अपना चेहरा याद आ जाता है।

02. जाड़े का दिन
दूध भरा गिलास है
जाड़े का दिन,
जिसे बच्चा सूरज
अभी
गटक जायेगा।

03. जाड़ा
जाड़े में 
यह क्या हो गया है?
कुहरे की झाड़ी में
सूरज अटक कर रह गया है।
रेखाचित्र  : बी. मोहन नेगी 

04. शिल्पकार
शिल्पकार
पत्थर में इन्सान जगाने के लिए
हथौड़ियों की चोट
करता रहा
यहाँ इन्सान
इन्सान की चोट से
पत्थर होता रहा।
  • लालडिग्गी थाना रोड, सिंहगढ़ की गली, नई कॉलोनी, मीरजापुर-231001, उ.प्र./मोबा. 09935685068

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