Sunday, October 29, 2017

खण्ड-2 के क्षणिकाकार-43

समकालीन क्षणिका             खण्ड/अंक-02                   अप्रैल 2017



रविवार  :  29.10.2017

क्षणिका की लघु पत्रिका ‘समकालीन क्षणिका’ के अप्रैल 2017 में प्रकाशित खण्ड-2 में शामिल सुश्री उषा कालिया जी की क्षणिका।




उषा कालिया






01.
हृदय के प्रांगण में 
गाँव की तस्वीर बसी थी
बरसों बाद देखा 
सब कुछ बदल गया है
नैसर्गिक सुन्दरता को 
भौतिकता के 
विषैले आवरण ने ढक लिया है।

02.
रेखाचित्र : बी. मोहन नेगी 
सृष्टि के रचयिता
तुम्हारी हर रचना
मन्त्रमुग्ध करती है
उदासी के पलों में
प्रकृति सहचरी बन
आशा के रंग भरती है


  • घुग्गर नाले, चाणक्यपुरी, पालमपुर-176061, जिला कागड़ा, हि. प्र./मो. 09418833589 

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