Sunday, October 15, 2017

खण्ड-2 के क्षणिकाकार-39

समकालीन क्षणिका             खण्ड/अंक-02                   अप्रैल 2017



रविवार  :  15.10.2017

क्षणिका की लघु पत्रिका ‘समकालीन क्षणिका’ के अप्रैल 2017 में प्रकाशित खण्ड-2 में शामिल सुश्री कमलेश चौरसिया जी की क्षणिका।




कमलेश चौरसिया





01.

सफेदपोश
उजले कपड़े पहन
बैठे
झक-सफेद कुर्सी पर
बैठते ही 
कुर्सी काली हो गई।

02.

माँ गंगा
छायाचित्र : उमेश महादोषी 
सिर के
सारे टोने-टोटके
बहा देती
आँचल से!

03.

इश्क के दरिया में
छपछपाना है, तैरना है, डूबना है
शिद्दत से हाथ थाम लो
पार उतर जाना है।
  •  गिरीश-201, डब्ल्यू.एच.सी. रोड, धरमपेठ, नागपुर-440010, महाराष्ट्र/मो. 08796077001

No comments:

Post a Comment