Sunday, October 27, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/356                   अक्टूबर 2024 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 27.10.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!  


शिव डोयले



{विगत 11.10.2024 को वरिष्ठ क्षणिकाकार आद. शिव डोयले जी अनंत यात्रा पर निकल गये। उनका क्षणिका के विकास में उल्लेखनीय योगदान रहा है। वह उन विरले कवियों में शामिल रहे हैं, जिनका क्षणिका संग्रह प्रकाशित होकर पाठकों के हाथों तक पहुँचा। उनका क्षणिका संग्रह ‘जैसा मैंने देखा’ अनेक पाठकों ने पढ़ा और सराहा। इसी संगह से तीन क्षणिकाएँ प्रस्तुत करते हुए हम ’समकालीन क्षणिका’ परिवार की ओर से उन्हें हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।}


01. रुकावट


तुमसे 

नजरें मिलाने को 

जी तो चाहता है

मगर क्या करूँ

कम्बख्त 

तेरा चश्मा

बीच में 

आ जाता है


02. स्वभाव


दल-बदलुओं सा

ये रेत का

स्वभाव

सूरज से 

कह दो

निकला न करे

नंगे पाँव


03. बदलाव


कल तक जो

रोटी के लिए

रेखाचित्र : बी मोहन नेगी (स्मृति:शेष )
लड़ रहा था

आज वह

रोटी खाकर

लड़ने पहुँचा


  • परिवार संपर्क: 19, झूलेलाल कॉलोनी, हरीपुरा, विदिशा-464001, म.प्र./मो. 09685444352

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