Sunday, October 6, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/353                   अक्टूबर 2024 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 06.10.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!   


रमेश कुमार भद्रावले



1. झटका


इस वर्ष,

सारे कौवों ने

सोलह दिन का

उपवास रख लिया,

शायद उन्होंने,

बच्चों से पीड़ित

माँ-बाप का

दर्द समझ लिया,?


2. पित्तर 


खाकर खीर पूड़ी,

रेखाचित्र : (डॉ.) सुरेंद्र वर्मा 


कौआ-बोला-

आजकल हमारा

पेट दुःखता है,

पहले और आज के

बेटों-में

हमें नीयत का

अन्तर दिखता है?

  • गणेश चौक, हरदा, म.प्र./मो. 09926482831

No comments:

Post a Comment