समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03/352 सितम्बर 2024
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02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 29.09.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
अशोक ‘आनन’
01. आदमी
दिसम्बर-जनवरी की
सख्त सड़क
मई-जून में पिघल गई
लेकिन-
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रेखाचित्र : कमलेश चौरसिया |
02. हम
वक्त की खूँटी पर
हम
वक्त के हेंगर हैं
- मक्सी- 465106, जिला शाजापुर (म.प्र.)
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