समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-04/357 नवंबर 2024
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02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 03.11.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
दिनेश प्रताप सिंह चौहान
1.
मौन,
केवल चुप रहना ही नहीं,
यह जानने की उत्सुकता,
कि मैं हूं कौन?
वही है मौन।
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चित्र : प्रीति अग्रवाल |
संचय का नहीं
होता दान का मान
तभी तो
मेघ रहें गगन पर
सागर सदा नीचे।
- 211/2, चित्रगुप्त कॉलोनी, बनगाँव रोड, डॉ. आकाश वर्मा के पास, एटा-207001, उ.प्र./मो. 07906059904
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