समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03 /135 अगस्त 2020
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रविवार : 02.08.2020
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
अमरेन्द्र सुमन
तुम्हारा टूटना
उफनती नदियों का
असमय सूख जाने जैसा है।
टूट जायेंगे छोटे-बड़े कई सपने
मर जायेगा-
सपनों के भीतर का संसार।
02.
पड़ा खाट पर
अस्वस्थ अकेला
पिता बोझ अब, पिता झमेला।
- ’’मणि विला’’ प्राईमरी स्कूल के पीछे, केवटपाड़ा (मोरटंगा रोड) दुमका-814101, झारखण्ड/मो. 09431779546
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