Sunday, August 2, 2020

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                      ब्लॉग अंक-03 /135                       अगस्त 2020



क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-
01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 02.08.2020
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!


अमरेन्द्र सुमन



01. तुम्हारे टूटने से...

तुम्हारा टूटना
उफनती नदियों का
असमय सूख जाने जैसा है।

तुम्हारे टूटने से
रेखाचित्र : डॉ सुरेंद्र वर्मा 
टूट जायेंगे छोटे-बड़े कई सपने
मर जायेगा- 
सपनों के भीतर का संसार।

02.

पड़ा खाट पर
अस्वस्थ अकेला
पिता बोझ अब, पिता झमेला।

  • ’’मणि विला’’ प्राईमरी स्कूल के पीछे, केवटपाड़ा (मोरटंगा रोड) दुमका-814101, झारखण्ड/मो. 09431779546

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