Sunday, December 18, 2016

प्रथम खण्ड के क्षणिकाकार-31

समकालीन क्षणिका             खण्ड-01                  अप्रैल 2016


रविवार  :  18.12.2016 
क्षणिका की लघु पत्रिका ‘समकालीन क्षणिका’ के खण्ड अप्रैल 2016 में प्रकाशित डॉ. सतीश चन्द्र शर्मा ‘सुधांशु’ जी की क्षणिकाएँ।


सतीश चन्द्र शर्मा ‘सुधांशु’



01. आहट
पीपल के/हरे-भरे पत्ते
पीले पड़ने लगे
अचानक!
लगता है/होने वाला है
किसी का आगमन!

02. क्षमता
जरा सा दबाव पड़ा
कि सूखे पत्तों से
चरमरा उठे।

सहनशक्ति कोई
कैक्टस से 
सीखे!

03. परिचय
समय 
किसी की पहचान
इस तरह खोता है
दसवीं में पढ़ रहा
रेखाचित्र : बी. मोहन नेगी 
मेरा पोता बोला-
दादू! अन्तर्देशीय पत्र
क्या होता है?

04. समर्पण
सूरजमुखी का
रुख सदैव
सूरज के मुख की ओर
रहता है
शुक्र है/कहीं तो 
वफादारी शेष है!
  • ब्रह्मपुरी, पिन्दारा रोड, बिसौली-243720, जिला बदायूँ, उ.प्र./मोबा. 9451644006

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