Sunday, December 1, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-04/361                         दिसम्बर  2024

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 01.12.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 



अशोक आनन





01.

मेरा हृदय 

जैसे

कोई पापड़।

तुम्हारे छूने से पहले 

मुझे 

उसके हश्र पर

ज़रा विचार कर लेने दीजिए।


02.

किसी के

छायाचित्र : उमेश महादोषी 

इतने समीप भी न जाओ 

कि 

उसके शरीर से आती हुई 

पसीने की बदबू 

तुम्हें 

उससे दूर हटने के लिए 

मज़बूर कर दे।


  • 11/82, जूना बाज़ार, मक्सी, जिला शाजापुर-465106, म.प्र.

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