Sunday, June 25, 2023

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                          ब्लॉग अंक-03/286                      जून 2023 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 25.06.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 


विभा रश्मि



माँ पर केन्द्रित क्षणिकाएँ

01.


माँ

लोरी गाती है 

पालने में कभी काँधे पे 

थपकियाँ देकर 

सुलाती है।


02.

माँ 

दोस्ती निभाती 

मन की सुनती 

अपनी कभी न कहती 

सखी वो प्यारी  

साथ सदा निभाती।


03.


माँ 

समझाती है 

दुनियादारी 

ऊँच-नीच 

और 

लोलुप लोगों और

उनकी नज़रों से 

बचना-बचाना।


04.

रेखाचित्र :
बी मोहन नेगी (स्मृतिशेष)

माँ 

सही-ग़लत की

पहचान करना सिखाती,

मतभेद और मनभेदों के

हल सुझाती 

और

सुलझाती-अनसुलझी

उलझनों की कड़ियाँ। 

  •  एस-1/303, लाइफस्टाइल होम्स, होम्स एवेन्यू, वाटिका इण्डिया नेक्स्ट, सेक्टर 83, गुड़गाँव-122004, हरि./मो. 09414296536

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