क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद
समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03 /246 सितम्बर 2022
क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-
01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 18.09.2022
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 18.09.2022
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
वीणा शर्मा वशिष्ठ
01. थाह
प्रेम की थाह देखनी है..?
सागर की तलहटी तक जाना
वहाँ,
नदियों का प्रेम मिलेगा।
02. गुलमोहर
हार को नकार दिया था मैंने
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चित्र : प्रीति अग्रवाल |
जब से देखा था
ठोस, पथरीली राहों पर खिला
गुलमोहर...।
मैं, तुम... हम सभी को
तपकर बन जाना चाहिए
गुलमोहर संसार।
- 597, सेक्टर-8, पंचकूला-134109, हरियाणा/मो. 07986249984
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