समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03/313 दिसम्बर 2023
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01. समकालीन क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
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रविवार : 31.12.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
उमेश महादोषी
1.
क्या होगा
समय बदलने की प्रतीक्षा से!
होना तो यह चाहिए
जहाँ समय को पहुँचना है
वहाँ
हम पहले से खड़े हों।
2.
एक आभूषण है-
प्रतीक
तन पर हो
या मन पर
चमकता है-
यथार्थ
जब धारण करता है।
3.
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छायाचित्र : उमेश महादोषी |
दोस्ती
कौवे से हो
या बगुले से
आँख के लेंस का सामना तो
चश्मे के
चटके काँच से ही
होना है।
- 121, इंद्रापुरम, बी डी ए कॉलोनी, बदायूं रोड, बरेली-243001, उ. प्र./मो. 09458929004
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