समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03/303 अक्टूबर 2023
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01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 22.10.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 22.10.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
भावना कुँअर
उड़ रही हैं तितलियाँ पुरज़ोर से
कहीं हवाएँ चल रहीं होंगी शायद
पर कैसी हैं ये हवाएँ?
जिन्होंने नोच डाला है पंखों को इनके
मिटा डाला है रंगत को भी
तहस-नहस कर डाला
अस्तित्व को इनके।
02. तस्वीर
तुम्हारे पर्स की तहों में
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छायाचित्र : उमेश महादोषी |
मेरी नन्हीं निशानियाँ...
आज वहाँ किसी की
तस्वीर नज़र आती है।
- सिडनी, आस्ट्रेलिया
- भारत में : द्वारा श्री सी.बी.शर्मा, आदर्श कॉलोनी, एस.डी.डिग्री कॉलिज के सामने, मुज़फ़्फ़रनगर (उ.प्र.)
ईमेल : bhawnak2002@gmail.com
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