समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03/281 मई 2023
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01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 21.05.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 21.05.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
कविता भट्ट ‘शैलपुत्री’
01. तुम क्या जानो?
तुम वातानुकूलित प्रेमी
मैं नीलांचल की जलधारा
पर्वतों की गोद में
उन्मुक्त बहने का सुख
तुम क्या जानो?
02. कामनाएँ
लहलहाती फसल-सी
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रेखाचित्र : बी.मोहन नेगी (स्मृतिशेष) |
कामनाएँ उसकी
ओलावृष्टि-सी युग दृष्टि
विवश कृषक-सी वह
फिर भी चुनती
ओलों को मोती-सा
- II S-3, B.T. HOSTEL UNIVERSITY CAMPUS, MADHI CHAURAS, P.O. KILKILESHWAR, TEHRI,Garhwal- 249161 Uttarakhand
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