समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03 /249 अक्टूबर 2022
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01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 09.10.2022
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 09.10.2022
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
चक्रधर शुक्ल
01. जाड़ा
पत्तों पर
ओस की बूँदें
सूर्य किरणों में
दमकती रहीं
तितलियाँ उड़-उड़कर
कलियों से बात करती रहीं!
02.
अच्छा व्यवहार
हमेशा याद आता
किरायेदार
घर खाली करता
पर दिल से नहीं जाता!
03. गर्म रेत
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रेखाचित्र : कमलेश चौरसिया |
पवित्रता ओढ़ने से नहीं
धारण करने से आयेगी
गर्म रेत
देह को जलायेगी।
- एल.आई.जी.-1, सिंगल स्टोरी, बर्रा-6, कानपुर-208027(उ.प्र)/ मो. 09455511337
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