Monday, February 20, 2017

प्रथम खण्ड के क्षणिकाकार-42

समकालीन क्षणिका             खण्ड-01                  अप्रैल 2016



रविवार  :  19.02.2017
क्षणिका की लघु पत्रिका ‘समकालीन क्षणिका’  के खण्ड अप्रैल 2016 में प्रकाशित श्री सिद्धेश्वर जी की क्षणिकाएँ।  



सिद्धेश्वर




01. साम्प्रदायिकता
उसकी तिलमिलाहट
भूख और वहशीपन में 
कोई फर्क नहीं पड़ता
साम्प्रदायिकता का दानव
धरती की छाती फाड़कर निकले
या उतर आए आकाश से!

02. भटकाव
और कितना भटकेगा मन?
यादों की मीनार पर
मिलती नहीं मंजिल
थक जाता है तन!

03. अभाव का मौसम
अभावों का खाकर तमाचा
शृंगारिक चेहरा हो गया कुरूप!
वासंती जीवन में
आग बनकर उतर आई है धूप!

  • अवसर प्रकाशन, पो. बा. नं. 205, करबिगहिया, पटना-800001(बिहार)/मोबा. 09234760365


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