समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03 /268 फरवरी 2023
क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-
01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 19.02.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 19.02.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
प्रगति गुप्ता
01.
महसूस की हुई
यादों को
शब्दों का जामा पहनाना
इतना भी आसान नहीं
बहुत कुछ समेटने-सहेजने की
कोशिश करो
फिर भी बहुत कुछ
छूट जाता है...
02.
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रेखाचित्र : रमेश गौतम |
धुँधली-सी होती जा रही हैं
मेरी हस्त रेखाएँ
हर रेखा एक प्रश्न चिह्न बन गई है
पता नहीं-
नजर कमजोर हो गई है मेरी-
या समय पूर्ण हो चुका है मेरा...
- 58, सरदार क्लब स्कीम, जोधपुर-342001, राज./मो. 07425834878
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