Sunday, September 9, 2018

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका            ब्लॉग अंक-03 / 42                  सितम्बर 2018

रविवार : 09.09.2018

‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!


अमन चाँदपुरी




01. धूप का इंतजार

तुम्हें धूप दिखे
तो बता देना उसे
मेरे घर का पता
कहना,
बहुत से नहाए हुए कपड़े
सूखने को पड़े हैं
तुम्हारे इंतजार में।

02.

घास के नुकीले बदन पर
पीठ के बल लेटा था मैं
मैंने देखा
फ़लक मेरे ऊपर सोने की 
कोशिश कर रहा था। 

03. किसान

रात में
खेत में
ठंड से
ठंडा पड गया
किसान
लोग उसकी
आँखों में
डूबी फसल
देख रहे हैं

04. समय

समय के पाँव
भारी हैं
उसे तेज चलना
न सिखाओ
करेला नीम चढ़ जायेगा


रेखाचित्र : सिद्धेश्वर 
05. जिन्दगी

जिन्दगी
बहुत कठिन हैं
रोटी बनाने जितनी

06. लंगड़ा

चलते हुए गिरना
मुझे कहाँ भाता है
जो भी देखता है
लँगड़ा कह जाता है।

  • ग्राम व पोस्ट- चाँदपुर प टांडा, जिला- अम्बेडकर नगर-224230, उ.प्र./मो. 09721869421

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